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Chandauli News: नवागत पंचायत अधिकारियों का ट्रेनिंग शुरू,DPRO ने किया शुभारंभ, जानिए चंदौली में कितने ग्राम पंचायत अधिकारियों ने लिया भाग

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चंदौली जिले के जिला पंचायत संसाधन केंद्र में मंगलवार को वाराणसी मंडल के सभी जिलों के नवनियुक्त ग्राम पंचायत अधिकारियों का 10 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शुरू हुआ। इसका शुभारंभ जिला पंचायत राज अधिकारी नीरज सिन्हा और डीपीआरसी के वरिष्ठ फैकल्टी सुनील सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया।

आवासीय प्रशिक्षण शुभारंभ करते डीपीआरओ

वाराणसी मंडल के इन जनपदों में ट्रेनिंग

आपको बता दें कि प्रशिक्षण में चंदौली के 19, गाजीपुर के 46, जौनपुर के 42 और वाराणसी के 13 ग्राम पंचायत अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के पहले दिन पंचायती राज अधिनियम, 73वां संविधान संशोधन, पंचायत को 29 विषय हस्तांतरित किए जाने, ग्राम प्रधान के कार्य और दायित्व सहित ग्राम पंचायत की बैठक और समितियों के बारे में जानकारी दी गई।

संविधान में प्रमुख संवैधानिक निकाय का दर्जा


इस दौरान डीपीआरओ ने कहा कि 73 वां संविधान संशोधन 1992 में हुआ था। इसके तहत पूरे देश में पंचायती राज की स्थापना की गई। इस संशोधन से पंचायती राज संस्थाओं को संविधान में प्रमुख संवैधानिक निकाय का दर्जा दिया गया। इसमें राज्य सरकारों को पंचायती राज की नई प्रणाली अपनाने के लिए संवैधानिक दायित्व भी दिया गया। कहा कि भारतीय संविधान में 11वीं अनुसूची जोड़ी गई। जिसमें पंचायत से जुड़े 29 विषय शामिल किए गए थे। पंचायत को अपने क्षेत्र पर प्रशासनिक नियंत्रण और कर लगाने का अधिकार भी इसी संशोधन के माध्यम से दिया गया। कहा कि सभी ग्राम पंचायत अधिकारी जो भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है उसे भली भांति अच्छी तरह से समझ कर आत्मसात करेंगे।

अनुभव के बारे में भी बताया

सभी नवनियुक्त ग्राम पंचायत अधिकारियों के पास पंचायती राज अधिनियम की पुस्तक जरूर होनी चाहिए। क्योंकि जब क्षेत्र में कार्य करना प्रारंभ किया जाएगा तो इससे काफी मदद मिलेगी। साथ ही उन्होंने प्रशिक्षण में अपने कार्यों के अनुभव के बारे में भी बताया।

संचित निधि से पंचायत को धनराशि का हस्तांतरण

वरिष्ठ फैकल्टी सुनील सिंह ने कहा कि ग्राम पंचायत के जरिए विकासात्मक योजनाओं की जांच भी संविधान संशोधन के तहत दी गई। वहीं राज्य की संचित निधि से पंचायत को धनराशि का हस्तांतरण भी किया जाने लगा। कहा कि पंचायत में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण का प्रावधान भी किया गया। वहीं महिलाओं के लिए प्रत्यक्ष चुनाव में एक तिहाई सीट आरक्षित होने लगी।

इस मौके पर निदेशालय के प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर सुरेंद्र प्रताप सिंह, विनय दुबे, कन्हैया राम आदि मौजूद रहे।

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