PRAHAR DUSTAK/ चंदौली । जिले के बबुरी थाना क्षेत्र के पाण्डेयपुर स्थित मेघा हास्पिटल में प्रसव के दौरान बीते सात फरवरी को महिला की मौत के मामले की जांच मुख्य चिकित्साधिकारी के निर्देश पर तीन सदस्यीय टीम कर रही है। मंगलवार को डिप्टी सीएमओ डॉ सीपी सिंह, महिला चिकित्सक डा महिमा नाथ और प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ रविकांत सिंह की टीम ने मंगलवार को हास्पिटल को सील कर दिया गया।

बता दें कि पांडेयपुर स्थित मेघा बाबा हास्पिटल में प्रसव के दौरान बीते सात फरवरी को महिला की मौत होने पर उग्र परिजनों तथा ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया । इस दौरान परिजनों ने हास्पिटल के चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों व ग्रामीणों ने हास्पिटल में जमकर तोड़फोड़ किया था। बबुरी थाना क्षेत्र के बिन्दपुरवा गांव निवासी रामाश्रय की पुत्री निशा को प्रसव होना था । प्रसव पीड़ा होने पर निशा के परिजन उसे लेकर पांडेयपुर गांव स्थित मेघा बाबा हास्पिटल पर पहुंचे थे। हालांकि नवजात बच्ची स्वस्थ रही। मृत महिला के पिता रामाश्रय ने चिकित्सकों पर आरोप लगाते हुए बताया था कि हास्पिटल में गर्भवती निशा की मासिक जांच चल रही थी। दो दिन पूर्व प्रसव पीड़ा होने पर हम लोग निशा को लेकर हास्पिटल आए। महिला की शादी लगभग तीन साल पहले अकोढ़ा कला निवासी मनीष से हुई थी। चिकित्सक ने निशा को दर्द का इंजेक्शन देकर छोड़ दिया था। बताया कि बहत्तर घंटे में डिलेवरी हो जाएगी, दर्द बढ़ने पर हास्पिटल लाना है। उन्होंने बताया कि देर रात दर्द बढ़ने पर परिजनों ने उसे भर्ती कराया था। दोपहर डेढ़ बजे प्रसव के दौरान निशा की हालत बिगड़ने लगी थी। महिला की हालत देख कर परिजनों ने चिकित्सकों से चिंता जताई। जिसपर चिकित्सकों ने उसे दुसरे हास्पिटल के लिए रेफर कर दिया। जहां रास्ते में ही महिला की मौत हो गई। महिला की मौत के बाद मौके पर भारी संख्या में ग्रामीण व परिजन पहुंच गये और अस्पताल में तोड़फोड़ करने लगे। सूचना पर बबुरी थानाध्यक्ष मुकेश कुमार तिवारी मय फोर्स मौके पर पहुंच गए थे। पुलिस ने उग्र ग्रामीणों तथा परिजनों को समझा बुझाकर शांत कराया था।इसके बाद उन्होंने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। मामले की जांच के लिए सीएमओ ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था।
बोले प्रभारी चिकित्साधिकारी
प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ रविकांत सिंह ने बताया कि टीम तीन बार हास्पिटल पर जांच के लिए गई थी। एक बार कागज मांगा गया तो उपलब्ध नहीं कराया गया। दूसरी बार हास्पिटल बंद कर सभी लोग फरार हो गए। जबकि डिप्टी सीएमओ डॉ सीपी सिंह की देखरेख में हास्पिटल को सील कर दिया गया है। साथ ही जांच प्रक्रिया जारी रहेगी।



















