
उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ पुलिस ने वर्ष 1975 में गुमशुदा हुई एक 8 वर्षीय बच्ची को आज 49 वर्ष बाद 57 वर्षीय महिला के रूप में बरामद किया । कितने वर्षों बाद यह महिला अपने परिवार से मिलकर काफी खुश है । आजमगढ़ पुलिस ने 49 वर्षों से अपने घर से बिछड़े एक महिला को उसके परिवार से मिलाने का कार्य किया है। महिला जब गायब हुई थी तब उसकी उम्र मात्र 8 वर्ष थी। हालांकि गायब होने के समय वह केवल अपने गांव च्यूंटीडांड़ जिला आजमगढ़ का नाम जान रही थी और यही 49 वर्षों तक उनके दिमाग में बैठा रहा। उनको यह भी याद था कि घर के सामने एक कुआं है।
49 वर्ष पूर्व हुई थी गुमशुदा
आपको बता दे कि आजमगढ़ पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा ने प्रेस वार्ता में बताया कि महिला का नाम फूला देवी है और वह वर्तमान में रामपुर जिला के एक प्राथमिक विद्यालय में बतौर रसोईया काम कर रही है। जिस प्राथमिक विद्यालय में कार्य कर रही है उसी की महिला हेड मास्टर ने जब फूला देवी की कहानी सुनी तो उन्होंने उसको भरोसा दिया कि एक परिचित पुलिस अधिकारी जो की आजमगढ़ में वर्तमान में तैनात है उनसे संपर्क कर वह पता लगाने की कोशिश करेंगी। आजमगढ़ के एसपी सिटी शैलेंद्र लाल से उन्होंने संपर्क साधा तब आजमगढ़ की पुलिस फूला देवी की पता लगाने में जुट गई। तब पता चला कि फूला जिस च्यूंटीडांड़ का नाम ले रही है वह वर्तमान में मऊ के दोहरीघाट थाना क्षेत्र में स्थित है।
आजमगढ़ के लाटघाट चौकी प्रभारी जफर खान ने पता लगाया तब परिवार के लोग मिलते गए। पता चला कि फूला के मामा रामचन्दर च्यूंटीडांड़ में रहते हैं। जिनके घर के बाहर आज भी कुआं है, हालांकि जब पुलिस पहुंची तब जानकारी हुई कि फूला के तीन मामा में से एक ही मामा रामहित पुत्र पांचू जिंदा हैं। वहीं यह भी पता चला कि फूला का एक ही भाई है जिसका नाम लालधर पुत्र स्व विक्रम है। जो आजमगढ़ के रौनापार थाना के ग्राम वेदपुर में है।
इसके बाद पुलिस ने रामपुर से फूला को आजमगढ़ लाकर परिवार से मिलवाया। अब वह अपने परिवार से मिलने के बाद बेहद खुश है । फूला देवी का भाई लाल दर भी अपनी बहन से मिलकर काफी खुश है । सभी लोग पुलिस के इस सराहनीय कार्य की काफी प्रशंसा कर रहे है ।



















