
चन्दौली जिले के जिला पंचायत संसाधन केंद्र में चल रहे वाराणसी मंडल के सभी जिलों के नव नियुक्त ग्राम पंचायत अधिकारियों के छठें दिन के आवासीय प्रशिक्षण का शुभारंभ डीपीआरसी के वरिष्ठ फैकल्टी सुनील सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया। प्रशिक्षण में दूसरे दिन चंदौली के 17, गाजीपुर के 42, जौनपुर के 42 और वाराणसी के 12 ग्राम पंचायत अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। प्रशिक्षण के छठें दिन स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण, खुले में शौच मुक्त गांव, ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन, गांव में कूड़ा संग्रहण केंद्र का निर्माण और संचालन, नाडेप, खाद गड्ढा, फिल्टर चैंबर, केंद्रीय वित्त के तहत टाइड और अनटाइड फंड, राज्य वित्त के फंड प्रयोग आदि की जानकारी दी गई।

इस दौरान उन्होंने कहा कि अनटाइड फ़ंड, बुनियादी ढांचे में अंतराल को पूरा करने के लिए आवंटित किया जाने वाला फ़ंड होता है। इसका उद्देश्य पूरे समुदाय को लाभ पहुंचाना होता है। अनटाइड फंड से जुड़ी योजनाएं किसी दूसरे स्रोत से वित्तपोषित योजनाओं की नकल नहीं होनी चाहिए। इससे जुड़ी योजनाएं क्षेत्रीय प्रकृति की होनी चाहिए। कहा कि अनटाइड फ़ंड से जुड़ी योजनाएं, उत्पादन या रोज़गार सृजन में मदद करनी चाहिए। भारतीय संविधान की 11वीं अनुसूची में शामिल 29 विषयों के लिए अनटाइड फ़ंड का उपयोग किया जा सकता है। अनटाइड फ़ंड का उपयोग वेतन और अन्य स्थापना लागतों को छोड़कर किया जा सकता है। कहा कि सभी ग्राम पंचायत अधिकारी जो भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है उसे भली भांति अच्छी तरह से समझ कर अपनाएंगे। सभी नवनियुक्त ग्राम पंचायत अधिकारियों के पास पंचायती राज अधिनियम की पुस्तक जरूर होनी चाहिए। क्योंकि जब क्षेत्र में कार्य करना प्रारंभ किया जाएगा तो इससे काफी मदद मिलेगी।
इस मौके पर निदेशालय के प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर सुरेंद्र प्रताप सिंह, विनय दुबे, कन्हैया राम, वीरेंद्र श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।



















