चन्दौली। वाराणसी से कटकर मई 1997 में अलग जिला बनने के 27 साल बाद चंदौली के पं. कमलापति त्रिपाठी जिला संयुक्त चिकित्सालय में हृदय रोग विशेषज्ञ की तैनाती हुई है। बीएचयू के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. भूपेंद्र वर्मा गुरुवार से जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीज देखेंगे।
वहीं जिला अस्पताल में दो बेड के सीसीयू (कॉर्डिक केयर यूनिट) की भी स्थापना की जाएगी। जिले में एक भी हृदय रोग विशेषज्ञ न होने से हर महीने 200 से ज्यादा मरीज वाराणसी और अन्य जिलों में रेफर किए जाते थे। हृदय रोग विशेषज्ञ की तैनाती से मरीजों को काफी राहत मिलेगी। जिले में हृदय रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। अभी तक हृदय रोग विशेषज्ञ चिकित्सक न होने के कारण सरकारी अस्पताल में इलाज की व्यवस्था नहीं हो सकी है।

*200 से अधिक मरीज होते हैं रेफर*
जिला अस्पताल से हर माह 200 से ज्यादा मरीज जांच और इलाज के लिए वाराणसी रेफर किए जाते हैं। बनारस में बीएचयू सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में मरीजों को दौड़ने में समय और पैसा दोनों खर्च होता है। हार्ट अटैक होने होने पर त्वरित उपचार न मिलने से कई बार मरीजों की जान भी चली जाती है। जिले में बाबा कीनाराम मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया गया और यहां चिकित्सकीय शिक्षा की शुरुआत हो चुकी है।
मेडिकल कॉलेज से पं. कमलापति त्रिपाठी संयुक्त चिकित्सालय को संबद्ध किया गया है। नौबतपुर में ओपीडी में विशेषज्ञ चिकित्सक मरीजों की जांच भी कर रहे हैं। इसी कड़ी में अब यहां कॉर्डियोलाजिस्ट की तैनाती की गई है।
*दो बेड की होगी सीसीयू*
अस्पताल में दो बेड के सीसीयू (कॉर्डिक केयर यूनिट) की स्थापना की जाएगी। हृदय के मरीजों के लिए यहां बीएचयू के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. भूपेंद्र वर्मा की तैनाती की गई है। प्रत्येक गुरुवार को सुबह नौ से दोपहर दो बजे तक ओपीडी में कॉर्डियोलॉजिस्ट मरीजों की जांच कर दवाएं देंगे।
*अब 30 की जगह 45 मरीजों की हो रही डायलिसिस*
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य अमित सिंह ने बताया कि पहले जिला अस्पताल के डायलिसिस केंद्र पर रोज 30 मरीजों की डायलिसिस होती थी, लेकिन अब उनकी संख्या बढ़ाकर 45 कर दी गई है। रोजाना 45 किडनी के मरीजों की डायलिसिस की सुविधा केंद्र पर हो गई है। मरीजों की संख्या बढ़ाने के साथ
*बोले मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल*
जिला अस्पताल में छह फरवरी से कॉर्डियो की ओपीडी शुरू होगी। एक पखवाड़ा के अंदर यहां दो बेड के सीसीयू भी स्थापित कर दिया जाएगा। इसके अलावा कॉर्डियक मार्क की जांच की सुविधा शुरू होगी। इससे हार्ट अटैक वाले मरीजों की जांच और इलाज की व्यवस्था हो सकेगी। इसके बाद मरीजों को इलाज के लिए वाराणसी नहीं जाना पड़ेगा।
डॉ. अमित सिंह, प्राचार्य, बाबा कीनाराम स्वशासी मेडिकल कॉलेज, नौबतपुर, चन्दौली।



















