
बंगाल के सिलीगुड़ी में सड़क दुर्घटना में सेना के हवलदार राजेश यादव (35) की शनिवार को मौत हो गई। केराकत में गोमती के पावन तट पर आज शाम देशभक्ति के नारों के बीच उनका अंतिम संस्कार किया गया।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सेना के हवलदार का पार्थिक शरीर सोमवार को जब तिरंगे में लिपटे हुए जैसे ही उत्तरप्रदेश के जौनपुर जिले में केराकत कोतवाली क्षेत्र के शहाबुद्दीनपुर गांव में पहुंचा, समूचा गांव गमगीन हो उठा। पहले से ही हाथों में तिरंगा लेकर सेना के जवान राजेश यादव के पार्थिव शरीर को रिसीव करने के लिए सभी समुदाय के लोगों ने फूल—माला लेकर पार्थिक शरीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित किये। तत्पश्चात घर के पास बनाये गये मंच पर पार्थिव शरीर को रखा गया जहां परिजनों और ग्रामीणों ने दिवंगत सैनिक को श्रद्धा सुमन अर्पित किया। मां भारती के लाल को देखने के लिए देखते ही देखते लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा।
शहाबुद्दीनपुर ग्राम के प्रधान धन्नी लाल यादव के 5 संतानों में मृतक सेना के हवलदार राजेश यादव 35 वर्ष तीसरे नंबर पर थे। राजेश यादव वर्ष 2010 में सेना में भर्ती हुए थे। वह एक उत्कृष्ट फुटबॉल खिलाड़ी थे। सेना की फुटबॉल टीम में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुके थे। उनकी खेल-कला और कर्तव्यनिष्ठा ने उन्हें सहकर्मियों और गांववासियों के बीच खास पहचान दिलाई। राजेश यादव न केवल अपने परिवार बल्कि, पूरे गांव के लिए प्रेरणा थे। उनकी खेल उपलब्धियों और सेना में दी गई सेवाओं ने गांव का नाम रोशन किया। उनकी मृत्यु से क्षेत्र में एक कर्तव्यनिष्ठ सैनिक और प्रेरणादायक खिलाड़ी खो दिया।
परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार मृतक जवान राजेश यादव अपनी पत्नी प्रियंका उर्फ गुड़िया 33 वर्ष व रियांश 5 वर्ष व अयांश 3 वर्ष के साथ सिलीगुड़ी में रहते थे। आने वाली 13 दिसम्बर को चचेरी बहन की शादी पड़ी थी जिसमें शामिल होने के लिए राजेश घर आने वाले थे। मृतक राजेश यादव समाजवादी पार्टी के नेता दिनेश यादव फौजी राष्ट्रीय महासचिव अखिल भारतीय यादव महासंघ के ममेरे भाई थे।



















