17.2 C
Varanasi
spot_img

Chandauli News: कवि समीर भृगुवंशी का काव्य संग्रह “मैं चंदौली हूॅं” लोकार्पित, केंद्रीय उच्च तिब्बती संस्थान सारनाथ के कुलपति प्रोफेसर नेगी ने किया लोकार्पण, जानिए क्या है खास काव्य संग्रह में

spot_img

Published:

PRAHAR DUSTAK/चन्दौली । जिले के मुगलसराय स्थित  एक सभागार में जनपद के वरिष्ठ कवि प्रमोद कुमार सिंह “समीर भृगुवंशी” के काव्य संग्रह “मैं चंदौली हूॅं” का लोकार्पण केंद्रीय उच्च तिब्बती संस्थान सारनाथ के कुलपति प्रोफेसर वाङ्छुग दोर्जे नेगी ने किया।

इस अवसर पर वाराणसी और चंदौली जनपद के वरिष्ठ साहित्यकारों में शिवकुमार पराग, धर्मेंद्र गुप्ता साहिल,  सुरेंद्र बाजपेई, रमाकांत नीलकंठ, दिनेश चंद्र, डॉ अनिल यादव, रामजी प्रसाद भैरव, रोशन मुगलसरायी, अरुण आर्य सहित जनपद के कई साहित्यकारों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। चेतना साहित्यिक मंच के अध्यक्ष डॉक्टर उमेश प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में कार्यक्रम संपन्न हुआ। चेतना मंच परिवार के संस्थापक डॉ विनय कुमार वर्मा ने पूरे कार्यक्रम का संचालन किया।

काव्य संग्रह के बारे में
इस पुस्तक में चंदौली जनपद की गौरव गाथा का एक गीत है उसके साथ-साथ विभिन्न प्रकार की कविताएं हैं । कवित्त हैं और तुकांत कविताएं भी हैं , साथ ही साथ कवि ने अपने गांव के बारे में अपनी कविता के माध्यम से विस्तृत चर्चा की है। पुस्तक में चकिया की कहानी, महाशिवरात्रि पर लगने वाले मेले सहित कवि ने स्वयं से बांध के गाम्भीर्य की तुलना की है और यह भी कामना की है कि बांध सहित उसका धैर्य न टूटे।

काव्य संग्रह की कुछ पंक्तियां
मैं चंदौली हूँ
धरती मां के माथे की मैं चन्दन रोली हूँ,
जनपद चंदौली हूँ रे भइया मैं चंदौली हूँ|

पूरब में नौबतपुर सीमा पश्चिम अविनाशी काशी,
उत्तर में धानापुर, बलुआ, त्याग, तपस्या, बलराशी |
दक्षिण में चकिया, नौगढ़ की पावन भूमि विराजेहै,
धान कटोरा संग फसलों की खास रंगोली हूँ|
मैं चंदौली हूँ|

हिन्दू मुस्लिम,सिक्ख,इसाईं,बौद्ध,जैन सब मिल रहते,
पावन पर्वों पर तारों-सम सभी यहाँ झिलमिल रहते|
रामायण, गीता, कुरान, गुरुवाणी का सम्मान यहाँ,
एक सूत्र में सबको बांधे मैं वह मौली हूँ|
मैं चंदौली हूं

spot_img
spot_img
spot_img
spot_img

सम्बंधित ख़बरें

spot_img

ताजातरीन ख़बरें

spot_img
spot_img
error: Content is protected !!