चंदौली जिले के सिंघीताली क्षेत्र में स्थित प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान फिजिक्स वाला (PW) गुरुकुलम को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। जिला प्रशासन ने संस्थान को मानक विहीन संचालन और सरकारी मान्यता के अभाव के चलते तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश जारी कर दिया है। यह कदम जिला स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है, लेकिन इससे हजारों छात्रों और उनके अभिभावकों में गहरी चिंता उत्पन्न हो गई है।

क्या है पूरा मामला?
PW गुरुकुलम की शुरुआत वर्ष 2025 के आरंभ में धूमधाम से हुई थी। यह संस्थान खासतौर पर उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों के छात्रों को IIT, NEET व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाने का दावा करता था। हाई-टेक सुविधाएं, अनुभवी शिक्षकों की टीम और आकर्षक प्रचार-प्रसार के बल पर इस संस्थान ने बड़ी संख्या में छात्रों का ध्यान खींचा।
लेकिन जिला प्रशासन की जांच में सामने आया कि संस्थान के पास न तो भूमि के वैध दस्तावेज थे, न ही निर्माण की स्वीकृति और न ही शिक्षा विभाग से संबद्धता। कागजी प्रक्रियाओं में भारी अनियमितता पाई गई, जिसके बाद प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए संस्थान को बंद करने का निर्देश दिया।

प्रशासन का रुख सख्त
बेसिक शिक्षा अधिकारी सचिन कुमार ने बताया कि PW गुरुकुलम को लिखित रूप में बंद करने का नोटिस जारी कर दिया गया है। साथ ही, संस्था संचालक ने एक पत्र देकर इस आदेश को मानते हुए संचालन बंद करने की सहमति भी दी है। फिर भी यदि संचालन जारी रहता है, तो एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सबसे अधिक प्रभावित अभिभावक
जनवरी से अप्रैल 2025 के बीच हजारों छात्रों का दाखिला PW गुरुकुलम में कराया गया था। कई अभिभावकों ने संस्थान की लोकप्रियता और वादों पर विश्वास कर लाखों रुपये फीस के रूप में खर्च किए। अब जब संस्थान बंद हो गया है, तो उनके सामने यह संकट खड़ा हो गया है कि बच्चों की पढ़ाई का भविष्य क्या होगा।
क्या होगा छात्रों का?
प्रशासन की ओर से यह आश्वासन दिया गया है कि जुलाई 2025 से शुरू हो रहे नए सत्र में PW गुरुकुलम के छात्रों को अन्य मान्यता प्राप्त संस्थानों में शिफ्ट किया जाएगा, ताकि उनका शैक्षणिक सत्र प्रभावित न हो। इसके लिए एक विशेष व्यवस्था की जा रही है।
DM साहब धोखाधड़ी का कौन करेगा खुलासा
यह विद्यालय क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसकी पहचान बार-बार बदलती रही है.पहले हेरिटेज वर्ल्ड स्कूल, फिर शुभकामना अकैडमी, उसके बाद पीडब्ल्यू गुरुकुलम और अब इसे ‘द गुरुकुलम स्कूल’ के नाम से जाना जाता है। विद्यालय की यह पहचान बदलने की प्रक्रिया लोगों के बीच जिज्ञासा का कारण बनी हुई है। अब नए नाम के साथ इसकी गतिविधियाँ और शैक्षणिक स्तर भी चर्चा में है।
प्रशासन पर भी उठे सवाल
इतनी बड़ी संस्था बिना वैध अनुमति और निगरानी के कैसे इतने महीनों तक संचालित होती रही, यह सवाल अब जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी उठ रहे हैं। यदि समय रहते जांच होती, तो शायद छात्रों और अभिभावकों को इस असमंजस की स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता।
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