PRAHAR DUSTAK/चन्दौली । युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की रेस में पूर्वांचल पीछे छूटता नजर आ रहा है। सीएम युवा उद्यमी योजना भी यहां के युवाओं की उम्मीदों को उड़ान नहीं दे सकी है।
हालत यह है कि विंध्याचल मंडल, वाराणसी और आजमगढ़ मंडल के नौ जिलों में से कोई टॉप टेन में भी अपनी जगह नहीं बना सका है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 12 हजार लक्ष्य के सापेक्ष सिर्फ 5816 को ही ऋण मिल सका। जौनपुर ने प्रदेश में 13वीं रैंक हासिल कर कुछ हद तक लाज रख ली है। वाराणसी 57वें स्थान पर है। बलिया को 47वीं, चंदौली को 46, मऊ को 30, आजमगढ़ को 29, सोनभद्र को 38, गाजीपुर को 26वीं तथा मिर्जापुर को 24वीं रैंक मिली है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस पर वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सीएम युवा उद्यमी विकास योजना का पोर्टल 24 जनवरी को लांच करने के साथ लक्ष्य निर्धारित किया था। सभी जिलों को 31 मार्च तक लक्ष्य पूरा करने का सख्त निर्देश दिया गया था।
विभागीय लोगों की मानें तो तकनीकी और अन्य कारणों से पोर्टल ही विलम्ब से लांच हुआ। कई अन्य अव्यवस्थाओं के कारण इसका लाभ सरकार की मंशा के अनुरूप युवाओं को नहीं मिल सका है। पूर्वांचल के पिछड़ने की मुख्य वजह युवाओं में स्वरोजगार करने के लिए इच्छाशक्ति की कमी तथा ऋण देने की लचर बैंकिंग प्रक्रिया को माना जा रहा है। बातचीत में कई युवाओं का कहना है कि स्व-रोजगार के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार योजनाओं का संचालन तो करती है लेकिन ऋण लेन-देन की जटिल प्रक्रिया राह में बाधा बनती है। बैंकों की उदासीनता के कारण नए उद्यमी बनाने में बाधा उत्पन्न हो रही है। इसके लिए अधिकारियों के सहयोग की जरूरत है। इसकी शिकायतें होतीं हैं पर ध्यान नहीं दिया जाता।

योजना के मुख्य उद्देश्य:
युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना, उद्यमिता को बढ़ावा देना, आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना, युवाओं को कौशल विकास और प्रशिक्षण प्रदान करना.
योजना के लाभ :
वित्तीय सहायता:
योग्य युवाओं को व्यवसाय स्थापित करने के लिए ऋण और मार्जिन मनी सब्सिडी प्रदान की जाती है।
कौशल विकास प्रशिक्षण :
युवाओं को व्यवसाय चलाने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
मार्गदर्शन और सहायता :
युवाओं को व्यवसाय शुरू करने और चलाने में मार्गदर्शन और सहायता प्रदान की जाती है।
स्वरोजगार के अवसर:
योजना के माध्यम से, युवा अपने खुद के व्यवसाय शुरू करके स्वरोजगार के अवसर प्राप्त कर सकते हैं।
पात्रता मानदंड:
युवाओं की आयु 21 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
युवाओं को कम से कम 8वीं कक्षा पास होना चाहिए।
युवाओं के पास किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से कौशल प्रशिक्षण प्रमाण पत्र होना चाहिए।
आवेदन कैसे करें :
अपने जिले के उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केंद्र से संपर्क करें।
MSME पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करें।
अपने जिले के उद्योग विभाग में अपने आवेदन को जमा करें।
रोजगार को पांच लाख तक ऋण की है व्यवस्था
सीएम युवा उद्यमी योजना के तहत युवाओं को रोजगार शुरू करने के लिए पांच लाख रुपये तक का ऋण चार वर्ष तक ब्याज मुक्त देने तथा परियोजना की लागत का 10 फीसदी अनुदान का प्राविधान है। इससे युवा नए उद्यम शुरू कर स्वयं की आय बढ़ाने के साथ ही दूसरों के लिए रोजगार मुहैया करा सकते हैं।



















