PRAHAR DUSTAK/चन्दौली । जिले में सड़क सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए परिवहन विभाग ने अवैध ई-रिक्शा के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया। वाहन विक्रेताओं द्वारा झोला छाप फैक्ट्रियों में बने ई-रिक्शा की बिक्री और बिना लाइसेंस व नाबालिगों द्वारा इनका संचालन चिंता का विषय बना हुआ था। शासन के निर्देश पर सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) डॉ. सर्वेश गौतम ने पीडीडीयू नगर, चन्दौली और औद्योगिक क्षेत्र में सघन जांच अभियान चलाया। इस दौरान 184 ई-रिक्शा का चालान किया गया, जबकि 50 वाहनों को विभिन्न थानों में सीज किया गया। इस कार्रवाई से लगभग 12 लाख रुपये की राजस्व वसूली होने की उम्मीद है।एआरटीओ डॉ. गौतम ने बताया कि प्रवर्तन कार्रवाई में मुख्य रूप से नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने, बिना फिटनेस, बिना इंश्योरेंस और अन्य वैध दस्तावेजों के अभाव में चालान किए गए। बिना फिटनेस और लाइसेंस के चलने वाले ई-रिक्शा सड़क सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं। ये वाहन न केवल यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं, बल्कि चालक और यात्रियों की जान को भी जोखिम में डालते हैं। इसीलिए ऐसी अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाना जरूरी है।
ई-रिक्शा पंजीकरण के समय ड्राइविंग लाइसेंस जरूरी
चन्दौली परिवहन कार्यालय ने ई-रिक्शा के नए पंजीयन के लिए ड्राइविंग लाइसेंस को अनिवार्य कर दिया है। अब बिना ड्राइविंग लाइसेंस के कोई भी आवेदक ई-रिक्शा का पंजीयन नहीं करा सकेगा। यह कदम यातायात नियमों के पालन और सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। एआरटीओ ने चेतावनी दी है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आगे भी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।यह अभियान न केवल अवैध वाहनों पर लगाम लगाएगा, बल्कि जिले में यातायात व्यवस्था को सुचारू करने और सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।



















