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Chandauli News:काली मुहाल इलाके में शराब की दुकान को लेकर नगीना सांसद ने किया ट्वीट, शराब की दुकान पर उठाई आपत्ति, बोले- हमारी बस्तियों में शराब के ठेके नहीं स्कूल और अस्पताल चाहिए

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चंदौली नगीना सीट से सांसद और भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद उर्फ ‘रावण’ ने मुगलसराय के काली मुहाल इलाके में प्रस्तावित शराब की दुकान को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार से कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने ट्विटर पर इस मुद्दे को उठाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की कि रावत बस्ती में प्रस्तावित शराब के ठेके को तुरंत रद्द किया जाए। चंद्रशेखर आज़ाद ने अपने ट्वीट में कहा कि इस क्षेत्र के निवासियों को शराब की दुकान नहीं, बल्कि बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की सुविधाएं चाहिए।

आपको बता दे की मुगलसराय के काली महाल क्षेत्र में शराब की दुकान खोलने का विरोध पिछले कई दिनों से सड़क पर महिलाएं प्रदर्शन कर रही,प्रदर्शन कर रही महिलाओं का कहना है कि शराब की दुकान खुलने से क्षेत्र का माहौल खराब होगा और शराब पीने वालों का जमावड़ा लग जाएगा। इससे महिलाओं और बच्चों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाएगा। महिलाओं ने स्पष्ट किया कि वे किसी भी हालत में अपने क्षेत्र में शराब की दुकानें खुलने नहीं देंगी। संज्ञान लेते हुए नगीना सीट से सांसद और भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद उर्फ ‘रावण’ ने मुगलसराय के काली मुहाल इलाके में प्रस्तावित शराब की दुकान को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार से कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने ट्विटर पर इस मुद्दे को उठाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की कि रावत बस्ती में प्रस्तावित शराब के ठेके को तुरंत रद्द किया जाए उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के कदम से स्थानीय निवासियों को कोई लाभ नहीं होगा, बल्कि समाज में नशे की लत बढ़ेगी और युवाओं के लिए यह हानिकारक साबित होगा। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि इस क्षेत्र में शराब की दुकानों के बजाय स्कूल, अस्पताल और रोजगार से संबंधित योजनाओं पर जोर दिया जाए।

चंद्रशेखर आज़ाद का यह ट्वीट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, और लोगों ने भी इस पर समर्थन जताया है। उनके समर्थकों का मानना है कि शराब की दुकानों की स्थापना से समाज में नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जबकि शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता से समाज में सुधार हो सकता है।

सांसद ने अपने ट्वीट में यह भी कहा कि समाज की उन्नति के लिए सरकार को शराब के ठेकों की बजाय शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता देनी चाहिए। उनके इस कदम से यह संदेश जा रहा है कि वह न सिर्फ राजनीति बल्कि समाज के व्यापक हित में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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