PRAHAR DUSTAK/चन्दौली। नियामताबाद विकास खंड के धरना ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 में तालाब की खोदाई में सोशल आडिट टीम की रिपोर्ट पर वित्तीय अनियमितता पाए जाने पर पूर्व ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत अधिकारी और मनरेगा के तकनीकी सहायक से 81 हजार 500 रुपए की रिकवरी का आदेश दिया गया है। वही इस सम्बन्ध में खंड विकास अधिकारी रूबेन शर्मा ने कहा कि मनरेगा के तहत वित्तीय अनियमितता की रिपोर्ट पर इसमें सभी दोषी सम्बन्धितों से रिकवरी कराई जाएगी।

मनरेगा के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 में धरना ग्राम पंचायत में तालाब की खोदाई का कार्य कराया गया था। इस दौरान सोशल आडिट टीम ने वित्तीय अनियमितता पाई थी। जिसकी जांच के बाद जिला मनरेगा अधिकारी ने इसमें दोषी पूर्व प्रधान श्रीराम बिन्द, सेवानिवृत्त ग्राम पंचायत अधिकारी विजय सिंह और वर्तमान में कार्य कर रहे मनरेगा के तकनीकी सहायक महेश यादव को दोषी पाया। तीनों लोगों से 81 हजार 500 का रिकवरी करने का निर्देश दिया गया है।
एडीओ की भूमिका संदिग्ध
इस आदेश पत्र को विकास खंड कार्यालय में तैनात एक एडीओ आईएसबी ने अपने पास दबाए रखा था। खंड विकास अधिकारी को भी अवगत नहीं कराया गया। जब खंड विकास अधिकारी ने पूछ ताछ की तब पत्र जिला से मिलने की बात बताई। खंड विकास अधिकारी के कड़े रुख से कर्मचारियों में हड़कंप मच गया।



















