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इलिया की नवागत थानाध्यक्ष प्रियंका सिंह के सामने पशु तस्करी रोकने सहित कई हैं चुनौतियां, चर्चित रह चुकी महिला थानाध्यक्ष नये थाना पर कितना होती हैं सफल

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चंदौली जिला की नवागत थानाध्यक्ष प्रियंका सिंह के लिए इलिया थाना का राह आसान नहीं होगा। बिहार बॉर्डर पर स्थित इलिया थानाध्यक्ष प्रियंका सिंह के लिए कई चुनौतियां सामने होगी।

जिले के आखिरी छोर पर स्थित यह थाना नक्सली क्षेत्र के लिए जाना जाता रहा है। वर्तमान समय में यहां नक्सलियों का भय तो नहीं है मगर बिहार के बॉर्डर पर स्थित इस थाना क्षेत्र में पशु तस्करी तथा अवैध शराब तस्करी को रोकना बड़ी चुनौती साबित होगी।

वैसे उपनिरीक्षक रही प्रियंका सिंह अपने कार्यों के लिए जानी जाती हैं जिले में महिला थाना की प्रभारी रहते हुए उन्होंने कई ऐसे बिछड़े परिवारों को मिलाने का काम किया है जो आज के दौर में मिशाल साबित हो रहा है। लेकिन पशु तस्करी और शराब तस्करी को रोकना इनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा। इलिया थाना क्षेत्र का सीमा तीन तरफ से बिहार की सीमा से घिरा हुआ है।

मालदह पुल का रास्ता हो या खरौझा, खझरा की पहाड़ी का रास्ता हो यह सभी रास्ते बिहार की सीमा को जोड़ते हैं। इसी प्रकार मझुई, बरियारपुर, खखडा, कुशहा गांव के रास्ते बिहार की सीमा में प्रवेश दिलाने के लिए जाते हैं। इन सभी रास्तों का उपयोग पशु तस्कर आसानी से करते हैं। सटीक सूचना मिली तो कभी-कभार तस्कर पुलिस के हत्थे चढ़ जाते हैं नहीं तो ज्यादातर मामले पुलिस के हाथ से फिसल जाते हैं। ऐसे रास्तों से पशु तस्करी को रोकने में पहली बार स्वतंत्र रूप से थानाध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण करने वाली नवागत थानाध्यक्ष प्रियंका सिंह को किसी चुनौती से कम नहीं होगा।

देखना है नवागत थानाध्यक्ष महिला थाना प्रभारी की तरह इस थाना क्षेत्र में लोकप्रियता हासिल करने में कितना सफल साबित होती हैं।

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